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निबंध की परिभाषा
– निबन्ध में लेखक का व्यक्तित्व झलकता है । किसी विषय – वस्तु से सम्बन्धित विचारों का ऐसा सुगठित एवं क्रमबद्ध प्रस्तुतिकरण , जिससे उस विषय – वस्तु की विस्तृत या संक्षिप्त किन्तु सारगर्भित जानकारी मिलती है , ‘ निबन्ध ‘ कहलाता है । निबन्ध की परिभाषा देते हुए फ्रान्स के मौन्तेन महोदय ने कहा है- “ निबन्ध विचारों , उद्धरण एवं कथाओं का सम्मिश्रण है । हिन्दी के ही एक सुप्रसिद्ध समीक्षक आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने निबन्ध को ‘ गद्य की कसौटी ‘ माना है । निबन्ध लेखन के लिए एक विशिष्ट रचनात्मक अभिव्यक्ति – कौशल की आवश्यकता होती है , जिसके अन्तर्गत लेखक के दृष्टिकोण तथा उसकी भाषा – शैली का विशेष महत्त्व है । निबन्ध के अंग भूमिका या प्रस्तावना इसके अन्तर्गत निबन्ध की विषय – वस्तु का परिचय दिया जाता है । |
निबंध क्या है | कैसे लिखा जाता है ?
निबंध क्या है | कैसे लिखा जाता है ? छात्र – छात्राओं को निबन्ध लिखते समय शब्द सीमा का ध्यान रखना चाहिए । इसके लिए एक पंक्ति लिखकर उसके शब्द गिन लें । यदि एक पंक्ति में दस शब्द आते हैं तो आपको लगभग बीस – बाईस पंक्तियाँ लिखनी चाहिए । शीर्षक पर भी ठीक से विचार कर ले तथा सम्बन्धित मुहावरों , लोकोक्तियों , उद्धरणों को एकत्र कर लें एवं उनका प्रयोग करें और शुद्धता का ध्यान रखें , बार – बार काट – पीट न करें एक बार लिखकर उसे काटें नहीं । यदि काटना आवश्यक ही हो तो केवल एक रेखा खींच कर उसे काट दें । |
अच्छा निबंध कैसे लिखे –
अच्छा निबंध कैसे लिखे – ” विद्यार्थी प्रायः निबन्ध लिखने में संकोच करते हैं तथा यथासम्भव इधर – उधर लिखे निबन्धों को रट लेते हैं । ऐसे निबन्ध प्रभावपूर्ण नहीं होते । इसलिए विद्यार्थियों को निबन्ध स्वयं लिखना चाहिए । निबन्ध लिखने से लेखन क्षमता में निखार आता है । यही ऐसा अवसर होता है । जिसमें विद्यार्थी अपने स्वतन्त्र विचारों की अभिव्यक्ति साहित्यिक ढंग से कर सकते हैं और अपने अन्दर छुपे हुए एक लेखक को उभार सकते हैं । |
निबंध को कितने भागों में बाँटकर लिखना चाहिए | किस प्रकार लिखें ?
किसी विषय पर निबन्ध किस प्रकार लिखें ? मुख्य रूप से निबन्ध को तीन भागों में बाँटकर लिखना चाहिए | (1) प्रारम्भ | (2) मध्य | (3) अन्त | |
( 1 ) प्रस्तावना या प्रारम्भ –
( 1 ) प्रस्तावना या प्रारम्भ – निबन्ध का प्रारम्भ आकर्षक ढंग से होना चाहिए जिससे उसका विषय स्पष्ट हो जाये । निबन्ध का प्रारम्भिक भाग प्रस्तावना होता है । जो वास्तव में पाठक को निबन्ध की मुख्य विषय – वस्तु से जोड़ता है । जिस विषय पर निबन्ध लिखना है , उस पर थोड़ा सा मनन करें फिर विषय के अनुरूप आठ – दस पंक्तियों में ऐसी प्रस्तावना लिखें जो विषय को स्पष्ट कर दे । निबन्ध का प्रारम्भ विषयानुकूल कविता की दो या चार पंक्तियों से भी किया जा सकता है किसी ‘ ऋतु ‘ पर निबन्ध लिखने के लिए भारतवर्ष में ऋतुओं की संख्या , परिवर्तन , नाम , विशेषता विषयक चार – पाँच पंक्तियाँ लिखकर सीधे – सीधे निबन्ध हेतु निर्दिष्ट ऋतु का वर्णन करना चाहिए । और विशेषताएँ बताते हुए समापन करना चाहिए । |
( 2 ) मध्य –
( 2 ) मध्य – यह निबन्ध का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण अंग होता है ।इसे मध्य भाग का विषय विस्तारण माना जाता है, क्योंकि निबन्ध की प्रभाव क्षमता इसी भाग की सफल एवं सोद्देश्यपूर्ण प्रस्तुति पर निर्भर होती है । विषय से सम्बन्धित उद्धरण , दृष्टान्त , काव्य – पंक्तियाँ , अलंकार आदि का प्रयोग करते हुए सरल ढंग से विचार व्यक्त करना चाहिए । निबन्ध के आकार का भी ध्यान रखना चाहिए । के अनुरूप यह ध्यान रहे कि विषय सम्बन्धित सभी बातें आ जायें । विष के अनुरूप निबन्ध के मध्य भाग को तीन – चार अनुच्छेदों में बाँटकर लिखना अधिक उपयुक्त होगा । |
( 3 ) उपसंहार या अन्त –
( 3 ) उपसंहार या अन्त – उपसंहार यह निबन्ध का अन्तिम भाग होता है , निबन्ध का समापन एकाएक नहीं करना चाहिए । विषय के अनुरूप निबन्ध का समापन किसी परिणाम पर पहुँचकर आकर्षक वाक्य या काव्यांश के साथ करना चाहिए । निबन्ध का अन्त ऐसे वाक्य से होना चाहिए जो पढ़ने वाले के हृदय पर छाप छोड़ सके । |
निबन्ध के प्रकार –
निबन्ध के प्रकार – मुख्य रूप से निबंध तीन प्रकार के होते है जो निम्मन्वत है | 1- वर्णनात्मक निबन्ध | 2- विचारात्मक निबन्ध | 3- व्याख्यात्मक या विश्लेषणात्मक निबन्ध | |
1- वर्णनात्मक निबन्ध
1- वर्णनात्मक निबन्ध – वर्णनात्मक निबन्ध इस प्रकार के निबन्धों में महत्त्वपूर्ण महापुरुषों , उत्सवों , वस्तुओं , नगरों , दृश्यों , ऋतुओं आदि का वर्णन किया जाता है । इन निबन्धों में ‘ वर्णन ‘ की प्रधानता रहती है । इन्हें विवरणात्मक निबन्ध भी कहते हैं , जैसे – मेरे सपनों का भारत यात्रा – वृत्तान्त , भारत की ऋतुएँ , भारतीय त्योहार – होली , दिवाली , दशहरा आदि । |
2- विचारात्मक निबन्ध
2- विचारात्मक निबन्ध – विचारात्मक निबन्ध कुछ विषय ऐसे हैं , जिन पर हम अपने विचार इस प्रकार प्रकट करते हैं कि वे विषय मानव समाज के लिए लाभकारी हैं या हानिकारक । विचारों की प्रधानता होने के कारण ऐसे निबन्ध विचारात्मक निबन्ध कहलाते हैं ; जैसे – नारी की सामाजिक स्थिति , शिक्षा का गिरता स्तर , सार्वजनिक जीवन में हिंसा आदि । d भावात्मक निबन्ध भावात्मक निबन्धों में भाव को प्रधानता दी जाती है । भाव का सम्बन्ध हृदय से है । इसलिए लेखक अपने भावुक मन से मनचाही अभिव्यक्ति प्रस्तुत करने के लिए स्वतन्त्र होता है ; जैसे – भारत माता ग्रामवासिनी , मेरा प्रिय कवि , दया धर्म का मूल है , मित्रता आदि निबन्ध । |
3- व्याख्यात्मक / विश्लेषणात्मक निबन्ध
3- व्याख्यात्मक / विश्लेषणात्मक निबन्ध – व्याख्यात्मक / विश्लेषणात्मक निबन्ध इस प्रकार निबन्धों के अन्तर्गत आने वाले विषयों में कार्य – कारण का सम्बन्ध दिखाकर एक घटना के पश्चात् क्रमश : दूसरी एवं तीसरी घटना का विवरण प्रस्तुत किया जाता है । इनमें क्रम की श्रृंखला कहीं भी टूटने नहीं दी जाती है । इनमें पौराणिक , ऐतिहासिक , धार्मिक कथाओं और गाथाओं तथ्यों पर आधारित घटनाओं आदि का समावेश रहता है ; जैसे – अर्थव्यवस्था , अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्ध आदि से सम्बन्धित निबन्ध |
याद रखिये | निबन्ध लेखन सम्बन्धी कुछ महत्त्वपूर्ण बातें
याद रखिये | निबन्ध लेखन सम्बन्धी कुछ महत्त्वपूर्ण बातें • निबंध लिखते समय ध्यान दे की वह वाक्य छोटे – छोटे तथा सरल हों | • अपने विचारों के समर्थन में लेखक या विद्वानों के मत एवं सम्मतियों को उदाहरण को भी प्रस्तुत करे | • पूर्व माध्यमिक कक्षाओं में प्रायः दो सौ शब्दों का निबन्ध लिखवाया जाता है । • एक ही बात को बार – बार न लिखें | • उपसंहार में निबन्ध के विषय में एक – दो पंक्तियों में अपना अभिमत दें । • निबन्ध लिखने का अभ्यास निरन्तर करते रहें । • निबन्ध लिखने के बाद उसे पढ़ें तथा त्रुटियों को सही कर लें । • निबन्ध उत्तर पुस्तिका के नए पृष्ठ से ही आरम्भ करें और जहाँ समाप्त हो उस पृष्ठ को खाली छोड़ दें । |
प्रमुख हिंदी निबंध व विवेचना
प्रमुख हिंदी निबंध व विवेचना – इसमें निबन्ध की समस्त पूर्व विवेचित सामग्री का सार या निष्कर्ष प्रस्तुत किया जाता है । वर्णनात्मक निबन्ध इस प्रकार के निबन्धों में महत्त्वपूर्ण महापुरुषों , उत्सवों , वस्तुओं , नगरों , दृश्यों , ऋतुओं आदि का वर्णन किया जाता है । इन निबन्धों में ‘ वर्णन ‘ की प्रधानता रहती है । इन्हें विवरणात्मक निबन्ध भी कहते हैं , जैसे – मेरे सपनों का भारत यात्रा – वृत्तान्त , भारत की ऋतुएँ , भारतीय त्योहार – होली , दिवाली , दशहरा आदि |
निबन्ध में प्रयुक्त होने वाले विशिष्ट पद | वाक्य | लोकोक्तियाँ |
निबन्ध में प्रयुक्त होने वाले विशिष्ट पद | वाक्य | लोकोक्तियाँ | • अजगर करे न चाकरी पंछी करे न काम | • अन्धा बाँटे रेवड़ी फिर – फिर अपने को दे . अपनी नाक कटे तो कटे , दूसरे का सगुन तो बिगड़े | • अब पछताए होत का , जब चिड़िया चुग गई खेत | • आँख का अन्धा गाँठ का पूरा | • आए थे हरिभजन को ओटन लगे कपास | • करमहीन खेती करे , बैल मरे या सूखा पड़े | • कहीं का ईंट कहीं का रोड़ा , भानुमती ने कुनबा जोड़ा | • सकल पदारथ हैं जग माहीं । करमहीन नर पावत नाहीं । • मजहब नहीं सिखाता , आपस में बैर रखना । • महत्त्वाकांक्षा का मोती , निष्ठुरता की सीपी में पलता है । वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे । • कमान से निकला तीर और मुँह से निकली बात वापस नहीं आती । • ‘ घर का जोगी जोगणा , आन गाँव का सिद्ध ‘। |
हिंदी निबंध में पूछे जाने वाले प्रश्न FAQs –
हिंदी निबंध में पूछे जाने वाले प्रश्न • निबन्ध किसे कहते हैं ? उत्तर –निबंध वह गद्य विधा है जो कलात्मक नियम से स्वतंत्र हो इसमें लेखक स्वतंत्र पूर्वक अपने विचारो को विधा के माध्यम प्रकट करता है | • हिन्दी निबन्ध – लेखन की विभिन्न शैलियों का उल्लेख कीजिए । उत्तर – हिन्दी निबन्ध लेखन में वर्णनात्मक , विवरणात्मक विचारात्मक तथा भावात्मक शैलियों को अपनाया गया है । • ‘ नींव की ईंट ‘ निबन्ध में बेनीपुरी जी द्वारा प्रयुक्त दो शैलियों के नाम लिखिए । उत्तर – नींव की ईंट ‘ निबन्ध में प्रतीकात्मक तथा भावात्मक दो प्रमुख शैलियों का प्रयोग हुआ है । • हिन्दी के प्रमुख ललित निबन्धकारों के नाम बताइए । उत्तर – हिन्दी के प्रमुख ललित निबन्धकार हैं- आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी , शिवप्रसाद सिंह , रामवृक्ष बेनीपुरी , कुबेरनाथ राय , डॉ० विद्यानिवास मिश्र , डॉ ० वासुदेवशरण अग्रवाल , जगदीशचन्द्र माथुर , डॉ ० धर्मवीर भारती , पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी । • हिन्दी साहित्य के दो विचारात्मक निबन्धकारों के नाम लिखिए । उत्तर – ( 1 ) डॉ ० श्यामसुन्दर दास ( 2 ) आचार्य रामचन्द्र शुक्ल । • निबन्ध के विकास में योगदान करनेवाले किन्हीं दो निबन्धकारों के नाम बताइए । उत्तर – ( 1 ) आचार्य महावीरप्रसाद द्विवेदी ( 2 ) आचार्य रामचन्द्र शुक्ल । • विनयमोहन शर्मा के निबन्धों की मुख्य विशेषताएँ संक्षेप में लिखिए । उत्तर – विनयमोहन शर्मा के निबन्ध आत्मव्यंजक तथा दृश्यों को अंकित करने की क्षमता से युक्त हैं । • ‘ नींव की ईंट ‘ बेनीपुरी जी की किस प्रकार की निबन्ध – रचना है ? उत्तर – यह भावात्मक निबन्ध – रचना है । • प्रतापनारायण मिश्र द्वारा रचित दो प्रसिद्ध निबन्धों और नाटकों के नाम निबन्ध उत्तर – निबन्ध – ( 1 ) रिश्वत ( 2 ) समझदार की मौत । नाटक – ( 1 ) हठी हम्मीर ( 2 ) कलि कौतुक । • विचारात्मक तथा भावात्मक निबन्ध – लेखकों में से एक – एक निबन्ध – लेखक का नाम लिखिए । उत्तर – ( 1 ) आचार्य रामचन्द्र शुक्ल – विचारात्मक निबन्ध लेखक ( 2 ) वियोगी हरि – भावात्मक निबन्ध लेखक ।. • विचारात्मक निबन्ध लिखने के अतिरिक्त काका साहब ने हिन्दी साहित्य की किस विधा में कलम चलायी है ? उत्तर – यात्रा – साहित्य में । |