रस | रस की परिभाषा, प्रकार, अंग व भाव ,अनुभाव | full hindi vyakran
रस की परिभाषा – रस का शाब्दिक अर्थ है निचोड़, काव्य में जो आनन्द आता है वह ही काव्य का रस है । काव्य में आने वाला आनन्द अर्थात् रस लौकिक न होकर अलौकिक होता है । उसे काव्य की आत्मा कहा गया है । संस्कृत में कहा गया है कि ” रसात्मकम् वाक्यम् काव्यम् “ अर्थात् रसयुक्त वाक्य ही…