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उपसर्ग की परिभाषा – Definition of prefix

परिभाषा – उपसर्ग (upsarg) वह शब्दांश हैं, जो किसी शब्द के पहले जुड़कर उसके अर्थ को बदल देते हैं जैसे – जय शब्द का अर्थ जीत होता है लेकिन जय शब्द के पहले परा उपसर्ग जोड़ देने पर एक नया शब्द बन जाता है – पराजय जिसका अर्थ है – हार यह पहले शब्द के अर्थ से उल्टा हो गया ।
उपसर्ग के भेद
- हिंदी में पाँच प्रकार के उपसर्ग प्रयोग किए जाते हैं ।
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- संस्कृत के उपसर्ग ।
- हिंदी के उपसर्ग ।
- अरबी-फारसी या उर्दू के उपसर्ग ।
- अंग्रेजी के उपसर्ग ।
- उपसर्ग के समान प्रयोग होने वाले संस्कृत के अव्यय ।
उपसर्ग के उदाहरण
हिन्दी भाषा में जो उपसर्ग प्रयोग किये जाते हैं उनमें से अधिकतर हिन्दी , संस्कृत , उर्दू , अरबी तथा फारसी भाषा के उपसर्ग हैं। कुछ मुख्य उपसर्ग जो अधिक प्रयोग होते है उनके अर्थ एवं उदाहरण निम्न प्रकार से हैं।
हिंदी व संस्कृत भाषा के उपसर्ग
उपसर्ग + शब्द | अर्थ | उपसर्ग से बने शब्द ( नए शब्द ) |
अति | अधिक ऊपर | अत्यन्त अत्याधिक, अतिकाल, अतिशय, अत्याचार, अतिक्रमण, अतिव्याप्ति आदि। |
अप | बुरा, लघुता हीनता, अनादर, अभाव, विरुद्ध | अपमान, अपहरण, अपशब्द, अपकार, अपराध, अपयश, अपभ्रंश, अपकीर्ति, अपव्यय, अपवाद, अपकर्ष आदि । |
उप | छोटा, निकटता, सदृश, सहायक, हीनता, | उपवन, उपकार, उपदेश, उपस्थिति, उपमन्त्री, उपासना, उपनाम आदि । |
अधि | ऊपर, श्रेष्ठ, सामीप्य | अधिकार अधिपति, अधिग्रहण अध्यात्म अध्यक्ष, आदि । |
आ | कमी, विपरीत, तक, सीमा, ओर, | आजीवन आक्रमण, आजन्म, आगमन, आमरण, आकाश, आकर्षण, आदान, आरोहण, आक्रोश आदि । |
दु | बुरा, हीन | दुबला दुकाल आदि । |
निर् | बाहर, निषेध, रहित | निराकरण, निर्वास, निर्गुण, निर्लज्ज, निरपरध निर्वाह, निर्मल आदि । |
उत्-उद् | ऊपर, श्रेष्ठ | उत्तम, उत्कर्ष, उत्कण्ठा, उत्पत्ति उद्धार, उत्साह, उत्थान, उद्गार, उद्यम आदि । |
दुर-दुस् | बुरा, कठिन, हीन, दुष्ट, | दुर्बल, दुर्लभ, दुर्दिन, दुर्जन, दुर्दमनीय, दुराचार, दुस्साहस , दुष्कर्म, दुःसह, दुर्गम आदि । |
अन | नहीं | अनपढ़, अनमोल, अनजान, अनबन, अनावश्यक, अनहोनी, अनधिकार आदि। |
कु, क | बुराई, हीनता | कुकर्म, कुपात्र, कुमार्ग, कुघड़ी, कुरूप, कपूत, कुखेत, कुसंग आदि । |
अनु | पीछे, क्रम, समानता | अनुचर, अनुज, अनुशासन, अनुवाद, अनुक्रम, अनुपात, अनुरूप अनुकूल, अनुशीलन, अनुकरण आदि । |
अव | नीचे, हीनता, अनादर, पतन | अवगुण, अवलोकन, अवगत, अवनत अवस्था, अवसान, अवनति, अवशेष, अवतार आदि। |
अ | नहीं | अमल, अबोध, अमोल, अजान, अथाह, अलग, असम्भव, अमिट आदि। |
वि | हीनता, भिन्नता, असमानता, विशेषता | विनय, विज्ञान, विदेश, विवाद, विशेष, विराम, विभिन्न, विभाग, विकार, विमुख, आदि । |
अघ | आधे के अर्थ में अधपका, | अधभुना, अधबना, अधखिला, अधमरा, अघपजरा, अधबूढ़ा आदि। |
प्रति | हरएक, विरोध, परिर्वतन, बराबरी | प्रत्येक, प्रतिक्षण, प्रतिनिधि, प्रतिकार, प्रतिदान, प्रतिवादी, प्रत्यक्ष, प्रतिकूल आदि । |
भर | पूरा ठीक | भरपेट, भरसक, भरपूर, आदि । |
औ | हीनता, निषेध | औगुन, औघट, औसर, औढर आदि। |
परा | उलटा, अनादर, नाश | पराजय, पराक्रम, परभव, परमर्श, पराभूत आदि। |
बिन | निषेध | बिनव्याहा, बिनखाया, बिनपढ़ा, बिनबोया, बिनदेखा, बिनकाम आदि । |
सु | सुखी, अच्छा भाव, सुन्दर, सहज | सुकर्म, सुगन्ध, सुकण्ठ, सुलभ, सुदूर, स्वागत, सुयश, सुवास, सुकवि, सुजन, सुगम, सुकृत आदि। |
उन | एक कम | उन्नीस, उनतीस, उनचास उनसठ, उनहत्तर आदि । |
परि | पूर्ण, आस-पास, चारों-ओर, अतिशय, त्याग | परिक्रमा, परिवृत्त, परिजन, परिणाम, परिहास, परिधि, परिपूर्ण, परिर्वतन, परिणय, परिचय, पर्याप्त आदि । |
सम् | पूर्णता | सम्भ्रान्त, संग्रह, संन्यास, संयोग, संस्कार, संहार, सम्मेलन, सम्मुख, संग्राम, संस्कृत आदि। |
प्र | अधिक, आगे, ऊपर, यश | प्रख्यात, प्रवीण, प्रचार, प्रबल, प्रभु, प्रयोग, प्रगति, प्रसन्न, प्रसिद्धि, प्रमाण प्रताप, प्रपंच आदि । |
उर्दू ,अरबी, व फारसी भाषा के उपसर्ग
उपसर्ग + शब्द | अर्थ | उपसर्ग से बने शब्द ( नए शब्द ) |
अल | निश्चित, इसलिए | अलबत्ता, अलगरज आदि। |
बद | बुरा | बदनाम, बदमाश, बदहाल, बदकिस्मत, बदबू, बदहजमी, बददिमाग आदि । |
खुश | अच्छा के अर्थ में | खुशबू, खुशदिल, खुशहाल, खुशकिस्मत, खुशखबरी आदि । |
ब | ओर, में, अनुसार | बनाम, बदस्तूर, बदौलत, बइजलास बतौर, बतारीख, बखिदमत आदि। |
बे | बिना | बेईमान, बेवकूफ, बेरहम, बेदर्द, बेइज्जत, बेइन्तिहा, बेकार, बेमिसाल आदि। |
ला | बिना, रहित | लापरवाह, लांचार, लाजवाब, लाइलाज, लावारिस, लापता, आदि । |
हम | समान, बराबर | हमराह, हमउम्र, हमपेशा, हमदर्द, हमवतन आदि। |
सर | मुख्य | सरकार, सरगन:, सरपरस्त, सरफरोसी, सरहद आदि। |
दर | में | दरकार, दरमियान, दरहकीकत, आदि । |
बिला | बिना | बिलावजह, बिलातवक्कुफ, बिलाकसूर, बिलाशक आदि। |
कम | हीन, थोड़ा | कमउम्र, कमखयाल, कमसिन आदि। |
बर | ऊपर, बाहर, | बरखास्त, बरदाश्त, बरवक्त बराबर आदि । |
गैर | नहीं | गैरहाजिर, गैरकानूनी, गैरसरकारी, गैरवाजिब, गैरमतलब आदि। |
हर | प्रत्येक | हरएक हरसाल, हरतरह, हरगाह आदि। |
ना | नहीं, अभाव | नापसन्द, नाराज, नामुमकिन, नादान, नालायक, नामुराद आदि । |
बा | साथ, सहित | बाअसर, बाइस , बागात, बाकियात, बावा, बावजूद, बाइज्जत आदि। |
FAQ
Q – उपसर्ग के कितने भेद होते हैं ? Ans – हिंदी में उपसर्ग के पांच भेद होते है। संस्कृत के उपसर्ग
हिंदी के उपसर्ग
अरबी-फारसी या उर्दू के उपसर्ग
अंग्रेजी के उपसर्ग
उपसर्ग के समान प्रयोग होने वाले संस्कृत के अव्यय
Q – उपसर्ग किसे कहते हैं कितने प्रकार के होते हैं ? Ans – उपसर्ग वह शब्दांश हैं, जो किसी शब्द के पहले जुड़कर उसके अर्थ को बदल देते हैं उपसर्ग के प्रकार व भेद – कुछ तथ्यों के अनुसार इनकी संख्या तीन व कुछ तथ्यों के अनुसार इनकी संख्या पांच मानी जाती है
Q – उपसर्ग क्या है उदाहरण सहित लिखिए ? Ans – उपसर्ग वह शब्दांश हैं, जो किसी शब्द के पहले जुड़कर उसके अर्थ को बदल देते हैं जैसे – जय शब्द का अर्थ जीत होता है लेकिन जय शब्द के पहले परा उपसर्ग जोड़ देने पर एक नया शब्द बन जाता है – पराजय जिसका अर्थ है – हार यह पहले शब्द के अर्थ से उल्टा हो गया ।
Q – प्र उपसर्ग का अर्थ क्या है ? Ans – अधिक, आगे, ऊपर, यश
Q – प्र उपसर्ग से बने शब्द लिखिए ? Ans – प्र उपसर्ग से शब्द – प्रसिद्धि, प्रगति, प्रताप, प्रबल, प्रवीण, प्रभाव, प्रचार, प्रणाम, प्रख्यात, प्रकृति, प्रस्थान, प्रकोप, प्रसारित, प्रभु, प्रचार, प्रपंच, प्रयोग, प्रसार, प्रमाण, प्रकाश, प्रयास प्रसन्न आदि ।
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