अलंकार किसे कहते है ? | अलंकार की परिभाषा,अर्थ, भेद व 10 उदाहरण

अलंकार का अर्थ | अलंकार किसे कहते है ? –

अलंकार – संस्कृत के प्रसिद्ध आचार्य दण्डी ने अपनी रचना काव्यादर्श में अलंकार के बारे में कहा है – अलंकरोतीति अलंकारः
इसका अर्थ है शोभा कारक पदार्थ को अलंकार कहते है।

अलंकार किसे कहते है ?

अलंकार किसे कहते है ? – अलंकार शब्द अलं + कार शब्दों के योग से मिलकर बना है , इसमें अलं काअर्थ है – आभूषण , सजावट तथा कार का अर्थ है – करने वाला
अतः – जो अलंकृत करे या शोभा बढ़ाने में सहायक हो, उसे अलंकार कहते है।

अलंकार की परिभाषा –

अलंकार की परिभाषा – काव्य की शोभा बढ़ाने वाले तत्वों को अलंकार कहते है अलंकार के प्रयोग से शब्द तथा उसके अर्थ में चमत्कार उतप्न्न हो जाता है। अन्य शब्दों में – जिस प्रकार आभूषण तथा साज – सज्जा से स्त्री की सुंदरता बढ़ जाती है उसी प्रकार अलंकार के प्रयोग से काव्य की सुंदरता बढ़ जाती है। अलंकार के प्रयोग से काव्य के शब्दों तथा अर्थो में चमत्कार उत्पन्न हो जाता है।

अलंकार के भेद

अलंकार के भेद – अलंकार के दो भेद है।

1 -शब्दालंकार।
2-अर्थालंकार।

शब्दालंकार की परिभाषा –

शब्दालंकार की परिभाषा – काव्य साहित्य में जहां शब्द के द्वारा चमत्कार या रोचकता उत्पन्न होती है वह शब्दालंकार होता है
जैसे – चारु चन्द्र की चंचल किरणे, खेल रही है जल थल में।

अर्थालंकार की परिभाषा –

अर्थालंकार की परिभाषा – काव्य साहित्य में जहां अर्थ के द्वारा चमत्कार या रोचकता उत्पन्न होती है वह अर्थालंकार होता है
जैसे – सुन्दर बदन कलाधर जैसे।
अर्थ – यहाँ पर बदन को कलाधर ( चन्द्रमा के सामान सुन्दर ) कहा गया है।

शब्दालंकार के भेद –

शब्दालंकार के भेद – शब्दालंकार के निम्न भेद है – 1-अनुप्रा
2-यमक
3-श्लेष
4-वक्रोक्ति
5-पुनरुक्ति
6-वीप्सा आदि।

इनमें से अनुप्रास , यमक तथा श्लेष प्रमुख है अधिकतर यही परीक्षाओं में पूछे जाते है।

अर्थालंकार के भेद –

अर्थालंकार के भेद – अर्थालंकार के निम्न भेद है – 1- उपमा
2- उत्प्रेक्षा
3 -रूपक
4- अतिश्योक्ति
5- दृष्टांत
6- विरोधाभास
7- भ्रांतिमान
8- संदेह
9- विभावना
10- विशेषोक्ति
11- प्रतीप
12- मानवीकरण
13- उल्लेख
14- स्मरण
15- परिकर
16- आक्षेप
17- प्रतीप
18- काव्यलिंग
19- अन्योक्ति
20- उपेमेयोपमा आदि।

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